Tuesday, April 15, 2014

चंद्रशेखर की अंत्येष्टि में भी सोनिया ने लगाया था अड़ंगा


imageview जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर-मेकिंग एंड अनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’ के हर पन्ने में कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो बताते हैं कि कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष की इच्छा हर महत्वपूर्ण फैसले पर हावी रहती है। बारू लिखते हैं कि सोनिया गांधी की इच्छा के चलते ही पूर्व पीएम नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं हो पाया था। कांग्रेस ने पूरी कोशिश की थी कि पूर्व पीएम चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार भी दिल्ली में न हो पाए। चंद्रशेखर के परिजनों को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। 1बारू लिखते हैं कि वर्ष 2007 में कांग्रेस नेतृत्व की तानाशाही उस समय सामने आई, जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की मृत्यु हुई। कांग्रेस ने पूरी कोशिश की थी कि चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार हरियाणा के भोंडसी के उनके फार्म में किया जाए। इस पर चंद्रशेखर के परिजन अड़ गए और उनके बेटे ने चेतावनी दी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया गया तो वह दिल्ली के लोदी श्मशान घाट में उनकी अंत्येष्टि कर देंगे। काफी मशक्कत के बाद चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार यमुना नदी के तट पर ‘एकता स्थल’ में किया गया। मनमोहन के पूर्व मीडिया सलाहकार लिखते हैं, ‘सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से मेरा कम ही वास्ता पड़ता था। जब भी हम बात करते थे, दोनों की ओर से काफी गर्मजोशी रहती थी और अमूमन दोस्ताना बातें ही होती थीं। प्रधानमंत्री कार्यालय में रहते हुए मेरी दो ही बार खास मुद्दों पर उनसे बात हुई थी। 1पहली बातचीत पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की मृत्यु के तुरंत बाद हुई थी।’ बारू लिखते हैं कि नरसिम्हा राव की मृत्यु के बाद वह और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित पूर्व पीएम के आवास पहुंचे थे। जब मनमोहन सिंह अंदर चले गए, तो पटेल ने बारू को एक तरफ खींचा और कहने लगे, ‘राव के बच्चे चाहते हैं कि अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों की ही तरह उनके पिता का अंतिम संस्कार भी दिल्ली में ही हो।’ राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी के किनारे महात्मा गांधी की समाधि के नजदीक पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था। अंत्येष्टि की जगहों पर उनके स्मारक भी बनवाए गए हैं। यहां तक कि कांग्रेस से किसी तरह का नाता नहीं रखने वाले पूर्व पीएम चरण सिंह और महज सांसद रहे संजय गांधी का अंतिम संस्कार भी दिल्ली में ही किया गया था और उनके भी स्मारक बनवाए गए हैं। बारू लिखते हैं, ‘अहमद पटेल चाहते थे कि मैं राव के बच्चों रंगा व प्रभाकर और बेटी वाणी को अपने पिता का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद ले जाने के लिए मनाऊं। मुङो स्पष्ट समझ आ रहा था कि सोनिया राव का कोई भी स्मारक दिल्ली में कहीं भी नहीं बनने देना चाहती हैं। पटेल के आग्रह पर मैंने कुछ देर विचार किया और महसूस किया कि राव के परिजनों को यह संदेश देना मेरे लिए ठीक नहीं रहेगा। मैंने सोचा कि मैं क्यों इस मसले में पडूं? मैं पटेल के संदेश का एक भी शब्द राव के परिजनों को बताए बिना लौट आया। शाम को मुङो पता चला कि कांग्रेस पार्टी ने राव के परिजनों को हैदराबाद में अंतिम संस्कार के लिए रजामंद कर लिया। कांग्रेस ने एयरपोर्ट ले जाते समय उनके पार्थिव शरीर को पार्टी मुख्यालय लाने की अनुमति तक नहीं दी। यहां तक कि सोनिया गांधी राव के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हैदराबाद भी नहीं गईं।

 


’भोपाल : कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का कहना है कि पूर्व मीडिया सलाहकार और पूर्व कोयल सचिव पीसी पारेख की किताबों में भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का पैसा लगा है। दोनों किताबें प्रायोजित हैं। जबकि केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने संजय बारू की किताब के समय पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इतने सालों बाद पूर्व मीडिया सलाहकार ने अपनी किताब जारी करने के लिए चुनाव का वक्त ही क्यों चुना?

कोल ब्लॉक आवंटन प्रक्रिया को सुसंगत बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री को देने की जरूरत है। उन्होंने जब आवंटन प्रक्रिया और पारदर्शी बनानी शुरू की तो पांच गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध किया था। 1-रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस प्रवक्ता (कोल ब्लॉक आवंटन पर मनमोहन सिंह के बचाव में)संजय बारूचंद्रशेखरजागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : पीसी पारेख ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि उनके कार्यकाल में पूरे कोयला मंत्रलय में हर तरफ लूट और भ्रष्टाचार का साम्राज्य फैला था और खुद कोयला मंत्री और राज्यमंत्री इसका नेतृत्व कर रहे थे। पारेख के अनुसार मंत्रियों द्वारा कोयला की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के सीएमडी और निदेशकों से उगाही से लेकर उनकी नियुक्ति में रिश्वत लेना सामान्य था। इसमें सांसद भी पीछे नहीं रहते थे। उन्होंने विस्तार से बताया है कि किस तरह कांग्रेस से लेकर भाजपा सांसद तक उनसे गैरकानूनी काम करने को कहते थे और नहीं करने पर प्रधानमंत्री और सीवीसी से झूठी शिकायत करते थे। हिंडाल्को को कोयला ब्लाक आवंटन करने के मामले में पारेख अपनी किताब में सीबीआइ पर जमकर बरसे हैं। खुद को कोयला क्षेत्र में सुधारों का मसीहा बताते हुए उन्होंने घोटाले की जांच में सीबीआइ की मंशा पर सवाल उठाया है। पारेख के अनुसार, यदि हिंडाल्को को कोयला ब्लाक आवंटन करने की संस्तुति करने पर उन्हें आरोपी बनाया गया तो फिर आवंटन करने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्यों नहीं। पारेख के अनुसार सीबीआइ सिर्फ कंपनियों के आवेदन में खामी निकालने में जुटी है, जबकि असली घोटाला कोयला ब्लाकों की नीलामी रोकने में हुई है, जैसा कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था। उन्होंने सीबीआइ पर मीडिया में गलतबयानी कर हिंडाल्को की जांच को सही ठहराने का भी आरोप लगाया है।


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नई दिल्ली, प्रेट्र : भाजपा ने सोमवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कहा कि वे सत्ता के दो केंद्रों और प्रधानमंत्री के राजनीतिक अधिकार के बारे में पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख और प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताबों में उठाए गए मुद्दों पर सफाई दें। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि दोनों किताबों ने केवल उन्हीं बातों को बल दिया है जिनके बारे में भाजपा हमेशा से कहती रही है। यह परिवार अब इन सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। यही समय है जब इन सवालों का जवाब दिया जाए। इन मुद्दों से मुंह मोड़ने की जगह पारेख और बारू के उठाए गए मुद्दों का सोनिया और राहुल हर हाल में जवाब दें।1पारेख को अंतत: क्लीनचिट देगी सीबीआइ : विनोद राय1पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय सोमवार को पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के समर्थन में उतर आए। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पारेख को सीबीआइ ने नामजद अभियुक्त बनाया है। राय ने दावा किया है कि जांच एजेंसी पारेख को अंतत: क्लीनचिट दे देगी।

प्रधानमंत्री ने बतौर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के अधिकारों पर और खासकर विभागों के बंटवारे के मामले में कभी सवाल नहीं उठाया। हालांकि, समय बीतने के साथ मनमोहन सिंह इस मामले में अपनी इच्छा और सुझाव सोनिया के सामने जाहिर करने लगे। कई बार सोनिया उनकी बात स्वीकार भी कर लेती थीं। बारू लिखते हैं, ‘फिर भी मैं जानता हूं कि मंत्रियों की नियुक्ति में डॉ. सिंह के पूरे नियंत्रण के मामले पर बहस नहीं की जा सकती।’ 1मुङो लगता था कि कम से कम कनिष्ठ मंत्रियों की नियुक्ति के मामले में तो उन्हें बोलना चाहिए और मैं मौका मिलने पर इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित भी करता था। पीएम ने 2005 में बारू से पूछा कि क्या जयराम रमेश को सरकार में शामिल किया जाना चाहिए। इस पर बारू ने कहा कि जयराम को सरकार में जगह हासिल करने के लिए पीएम के प्रति ज्यादा वफादारी दिखानी चाहिए। इस बातचीत के कुछ दिन बाद एक पत्रकार के घर हुई क्रिसमस पार्टी में मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मुझसे पूछा कि मैं जयराम का विरोध क्यों कर रहा हूं। मैंने मोंटेक को साफ किया कि मैं जयराम के खिलाफ नहीं हूं। मैंने पीएम से सिर्फ इतना कहा है, ‘कम से कम युवा कांग्रेस सांसदों को तो यह महसूस होना चाहिए कि उन्हें मंत्री पद प्रधानमंत्री की वजह से मिला है।’ इसके कुछ महीने बाद जनवरी, 2006 में जयराम को वाणिज्य राज्यमंत्री बना दिया गया। मुझ उस समय कतई आश्चर्य नहीं हुआ, जब मुङो पता चला कि जयराम ने सोनिया की मित्र सुमन दुबे को पद दिलाने के लिए फोन कर धन्यवाद दिया है। बारू लिखते हैं कि कांग्रेस में किसी नेता को खुश करने का सीधा मतलब सिर्फ सोनिया को खुश करने से होता है। जयराम की वफादारी पूरी तरह से सोनिया के प्रति थी, जो बाद में उस समय साबित हुआ जब उन्होंने सोनिया का पीएम को लिखा पत्र मीडिया में लीक कर मनमोहन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी।

नई दिल्ली, प्रेट्र : भाजपा ने सोमवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कहा कि वे सत्ता के दो केंद्रों और प्रधानमंत्री के राजनीतिक अधिकार के बारे में पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख और प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताबों में उठाए गए मुद्दों पर सफाई दें। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि दोनों किताबों ने केवल उन्हीं बातों को बल दिया है जिनके बारे में भाजपा हमेशा से कहती रही है। यह परिवार अब इन सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। यही समय है जब इन सवालों का जवाब दिया जाए। इन मुद्दों से मुंह मोड़ने की जगह पारेख और बारू के उठाए गए मुद्दों का सोनिया और राहुल हर हाल में जवाब दें।1पारेख को अंतत: क्लीनचिट देगी सीबीआइ : विनोद राय1पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय सोमवार को पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के समर्थन में उतर आए। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पारेख को सीबीआइ ने नामजद अभियुक्त बनाया है। राय ने दावा किया है कि जांच एजेंसी पारेख को अंतत: क्लीनचिट दे देगी।

नई दिल्ली, प्रेट्र : भाजपा ने सोमवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कहा कि वे सत्ता के दो केंद्रों और प्रधानमंत्री के राजनीतिक अधिकार के बारे में पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख और प्रधानमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताबों में उठाए गए मुद्दों पर सफाई दें। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि दोनों किताबों ने केवल उन्हीं बातों को बल दिया है जिनके बारे में भाजपा हमेशा से कहती रही है। यह परिवार अब इन सवालों का जवाब देने की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। यही समय है जब इन सवालों का जवाब दिया जाए। इन मुद्दों से मुंह मोड़ने की जगह पारेख और बारू के उठाए गए मुद्दों का सोनिया और राहुल हर हाल में जवाब दें।1पारेख को अंतत: क्लीनचिट देगी सीबीआइ : विनोद राय1पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय सोमवार को पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के समर्थन में उतर आए। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में पारेख को सीबीआइ ने नामजद अभियुक्त बनाया है। राय ने दावा किया है कि जांच एजेंसी पारेख को अंतत: क्लीनचिट दे देगी।

मंत्रियों की नियुक्ति में भी पीएम का नियंत्रण नहीं1 16






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